About the Book:
किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट अथवा असाधारण प्रदर्शन किए जाने पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष विशिष्टजनों को पुरस्कृत किया जाता है। देश का सर्वोच्च सम्मान है भारत रत्न, दूसरा पद्मविभूषण, तीसरा पद्मभूषण एवं चौथा पद्मश्री सम्मान होता है।
पद्म पुरस्कारों की इस फ़ेहरिस्त में अनुसूचित जनजाति की भी कई महान विभूतियों के नाम सम्मिलित हैं। प्रचार प्रसार की चकाचौंध से दूर रहने वाले जनजातीय समुदाय की 18 पद्मविभूषित हस्तियों की गाथाओं का अद्भभुत संकलन "शिखर को छूते ट्राइबल्स" का पहला भाग अगस्त 2020 में प्रकाशित हो चुका है।
उसी कड़ी में विभिन्न राज्यों की पद्मविभूषित 19 जनजातीय हस्तियों की जीवनियों का संकलन किया गया है, जो "शिखर को छूते ट्राइबल्स - भाग 2" के रूप में प्रस्तुत है।
यह पुस्तक स्कूली पाठ्यक्रम, शोधार्थियों एवं सामयिक पत्रकारिता के लिए काफी लाभदायक है।
About the Author:
"एक हाथ में करनी, एक हाथ में लेखनी" - झारखण्ड राज्य में जमशेदपुर शहर से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगिक इकाई स्थापित करने वाले संदीप मुरारका पर ये शब्द फिट बैठते हैं। संदीप की रचनाएँ आकाशवाणी से प्रसारित एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
शहर में पले बढ़े होने के बावजूद संदीप ने झारखण्ड के ट्राइबल्स की समस्याओं को बहुत नजदीक से महसूस किया है। हिन्दी में गुरुदत्त जैसे लेखकों की पुस्तकों के अलावा पुराणों के अध्ययन में रुचि रखने वाले संदीप सामयिक आर्टिकल, स्तम्भ, जीवनियाँ व कविताएँ लिखते हैं।