About the Book:
प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जिसमें इंसान कुछ भी कर गुजरता है | अगर आपका प्रेम किसी के प्रति निश्चल और निस्वार्थ है तो दिल में कोई और नहीं बस सकता सिवाय उसके जिससे आपने सच्चा प्रेम किया हो |
“आजमगढ़” ऐसी कहानी को जीवांत करता है जिसमें इश्क है तो रिस्क भी है; दुख है तो सुख भी है; लड़कपन है तो अल्हड़पन भी है; हँसना है तो रोना भी है; मजाक - मस्ती से सराबोर भी है | जहाँ कॉलेज की खट्टी -मीठी यादें है तो वही स्टूडेंट प्रेसीडेंट इलेक्शन का रणभूमि भी है | हर कोई अपनी दावेदारी सत्ता के गद्दी पे जमाना चाहता है | सत्ता का रास्ता इतना सरल नहीं होता है कि हर कोई इसपर चल सके | सत्ता की गद्दी पाने और इश्क में कुछ कर गुजरने की दस्ता को दर्शाता है आजमगढ़ |
About the Author:
मनोज भारद्वाज, पेशे से इंजीनियर है और लेखन में भी रुचि रखते है | इनकी दो इंग्लिश नॉवेल “Unknowingly I loved a Call Girl एवं The Incomplete Woman” पब्लिश हो चुकी है | “आजमगढ़” इनकी पहली हिन्दी नॉवेल है |