About Book:
'अश्वमेध' प्राचीन काल में राजाओं के द्वारा किया जाने वाला एक महत्वाकांक्षी यज्ञ था जिसका उपयोग चक्रवर्ती राजा अपने राज्य की सीमाओं के विस्तार के लिए किया करते थे| इस यज्ञ को करने की आकांक्षा इतनी तीव्र हुआ करती थी कि कई राजाओं ने इसके पीछे अपनासब कुछ खो दिया….मगर राजाओं ने उस यज्ञ को करने के सपने नही छोड़े...ऐसी ही होती
हैं न हसरतें! लोग आज भी उस अश्वमेध यज्ञ का मोह छोड़ नही पाए हैं...बस आज उस यज्ञ
का स्वरूप बदल गया है| ये कहानी भी ऐसे ही एक लड़के राघव की कहानी है जिसने भी एक अश्वमेध यज्ञ किया था...अपने सपनों का...अपनी आकांक्षाओं का वो मासूम सा लड़का एक इंजीनियरिंग कॉलेज के एक ऑडिटोरियम से लोकप्रियता का स्वाद चखता है….फिर वही लोकप्रियता की चाह पॉवर के नशे में बदल जाती है| कॉलेज के प्यार ,दोस्ती और घर वालों से टकरावों के बीच राघव भावनाओं का एक अलग ही उतार चढ़ाव महसूस करता है| कहानी
के ज्यादातर हिस्सों को इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर और JNU दिल्ली की छात्र राजनीति के इर्द गिर्द सपनों के धागों से बुना गया है| चाय के एक कप के साथ आनंद लीजिये एक बिलकुल ही अलग और झकाझूम सी कहानी का ...कविताओं की रूमानियत और उसकी डायरी के पुराने पन्नों के साथ !
About Author:
तरुण जोशी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर,सपनों से एक कहानीकार और दिल से एक बेहद रूमानी इनसान हैं! इंजीनियरिंग की पढ़ाई M B M Engineering college, Jodhpur से की है और गुलाबी सपने देखने की तालीम भी वहीं से ली है| फिलहाल मुंबई में रहते हैं, IT कम्पनी में नौकरी करते हैं और वहीं कंप्यूटर की स्क्रीन पर दुनिया की सबसे खूबसूरत फिल्में बनाने के ख्वाब देखते हैं| अक्सर चौपालों, चाय की दुकानों और महफ़िलों में किस्से, कहानी और कवितायें सुनाते देखे जा सकते हैं| ‘अश्वमेध’ उनकी पहली किताब है|