About the Book:
यह उपन्यास जिसका नाम बेदर्द आशिक है, आजकल के युवा-पीढ़ी को मोहब्बत का सही अर्थ समझाने के साथ-साथ उन्हें निःस्वार्थ प्रेम से रुबरु भी करायेगा।
मनो-सामाजिक विश्लेषणात्मक तथ्यों के आधार पर यह बात सत्यता के पैमाने पर खरी उतरती है कि यदि किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में क्रान्तिपूर्ण विचार उत्पन्न होते हैं तो आज्ञावश, मस्तिष्क इस तूफानी ऊर्जा के द्वारा नवीन विचारात्मक क्रान्ति पथ बना देता है जो कलमकार की कृति होती है। मैं कला और संगीत की देवी से प्रखर पूर्ति प्रार्थना करता हूँ कि वे अपनी अनुकम्पा बनाए रखें|
About the Author:
इक्कीसवीं शताब्दी के सबसे कम उम्र कलमकार 'रवि सिंह राजभक्त' की रचना आपकी सोच को सकारात्मक ऊर्जा अवश्य देगी। 'बेदर्द आशिक' में प्यार के प्रति पूर्ण समर्पण दिखता है लेकिन दूसरे पक्ष को बिना एहसास दिलाए। वास्तव में ऐसे प्यार के राही जो अपने आप को शून्य पर पहुँचाते हुए अपने प्यार को शिखर तक पहुँचाए वो भी बिना स्वार्थ के, बेदर्द आशिक ही कर सकता है। जहाँ तक मुझे लगता है अगर मैं अपनी कहानी से किसी को भी निःस्वार्थ प्रेम समझा सका तो मेरे26 महीने का किया परिश्रम सफल हो जाएगा।