About Book:
डॉ. शिखा तेजस्वी ‘ध्वनि’ की यह किताब उनकी पहली एकल काव्य संकलन है। अत्यंत सरलता से भरपूर इनकी कविताओं में सामान्य जन जन के अनूभूतियां, संवेदनाओं, विचारों और भावों को इतनी सुंदरता से अभिव्यक्त किया गया है कि हर व्यक्ति अवाक हुए बिन नहीं रह सकता। डॉ. शिखा तेजस्वी ‘ध्वनि’ जटिलतम विषयों को भी सरलतम बना कर प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त हैं। संक्षेप में - विविध रस, विभिन्न विचार और अलग-अलग विषयों की यह मिली-जुली ‘वेराईटी’ मतलब “बिखरी आवाज़” पाठकों को एक नए ही तरह का स्वाद परोसने को तैयार है| इस संग्रह के अनूठेपन के लिए, इसकी विविध काव्य रस के लिए पुस्तक से आनंद प्राप्ति की शत- प्रतिशत गारंटी, मानो सुनिश्चित है| आपकी संवेदनाओं की गाथा “बिखरी आवाज़”!
About the Author:
डॉ. शिखा तेजस्वी 'ध्वनि' पेशे से पेटेंट एटरनी, हॉबी है कविता लिखना। सीधे सरल शब्दों से, जन जन तक पहुँच पाना। कविताओं का शौक़ बचपन से ही है। अपनों और अपने आस-पास की उलझनों से व्याकुलता ही इनकी कविताओं का मुख्य प्रेरक स्त्रोत होता है। विविध विषयों पर अत्यंत बारीक़ी से अध्य्यन के बाद ही ये अपनी रचनाओं को मूर्त रूप देती हैं। काव्य-प्रेरणा इनको विरासत से ही प्राप्त है। इनके पिता भी उत्कृष्ट कवितायें लिखते थे और मां अदभुत काव्य वाचन करती थी। इनकी बड़ी बहन शिप्रा वर्मा भी मुम्बई की जानी मानी कवयित्री है। डॉ. शिखा तेजस्वी ‘ध्वनि’ रसायन शास्त्र में पी एच. डी. है और कई वर्षों के वैज्ञानिक अनुसंधान का अनुभव प्राप्त है, पर काव्य–रस के अद्भुत अनूभूति से आह्लादित रहती है ये। वर्तमान में नई दिल्ली में एक निजी कम्पनी में पेटेंट एटॉरनी के पद पर कार्यरत है।