About the Book:
भापे की चाची उपन्यास बेशक लिखा पंजाब की पृष्ठभूमि पर गया है पर यह कहानी भारत के किसी भी गाँव की कहानी हो सकती है। यहाँ आपको भारतीय गाँवों के परिवेश, वहाँ की समस्याओं और रीति रिवाजों की झलक मिलेगी।
इस उपन्यास में आपको ममता मिलेगी, भाई बहनों का प्यार मिलेगा। प्रेम की रसधार मिलेगी, गुस्सा, ईर्ष्या और नफरत मिलेगी। प्रतिशोध होगा तो समर्पण भी होगा। संघर्ष कदम-कदम पर होंगे तो बेहतर जीवन के सपने भी होंगे। संक्षेप में दुनिया का ऐसा कोई भाव नहीं जो इस उपन्यास में आपको पढने को न मिले। किरण की खूबसूरती ने उसकी जिन्दगी में कई गुल खिलाए। किरण और निरंजन की जिंदगी के उतार-चढावों के साथ-साथ आप भी बह निकलेंगे। गुरनैब के साथ किरण का हाथ पकड़ कर तैरेंगे।
मेरा दावा है कि एक बार उपन्यास पढ़ना शुरु कर लेंगे तो पूरा किए बिना छोड़ नहीं पाएंगे। बाकी किरण के साथ-साथ भानी, सिमरन और जसलीन के जीवन का संघर्ष भी है तो पढिए और अपनी राय से अवगत कराइए।
About the Author:
स्नेह गोस्वामी पेशे से अध्यापक। करीब छत्तीस वर्ष का अध्यापन का अनुभव। सेवानिवृति के पश्चात स्वतंत्र लेखन। अब तक एक काव्य संग्रह (स्वप्नभंग), दो कहानी संग्रह (उठो नीलांजन, तुम्हें पहाङ होना है), तीन लघुकथा संग्रह (वह जो नहीं कहा, होना एक शहर का, कथा चलती रहे) प्रकाशित, तीन ई उपन्यास है और राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है। लगभग तीस-बत्तीस संग्रहों में इनकी रचनाएँ शामिल हैं।
प्रतिलिपि, काम, मातृभारती, स्टोरीमिरर जैसे प्लेटफार्मों पर निरंतर लेखन। आकाशवाणी, एफ एम पर निरंतर प्रसारण। स्नेह गोस्वामी का रचनासंसार के नाम से यू ट्यूब चैनल जिस पर इनकी रचनाएँ आप इनकी आवाज में सुन सकते हैं।
इन्हें अब तक शब्द साधक पुरुस्कार भाषा विभाग, पटियाला से, लघुकथा सेवी पुरुस्कार हरियाणा प्रादेशिक साहित्य सम्मेलन एवं लघुकथा अकादमी सिरसा से, निर्मला स्मृति हिंदी साहित्य गौरव सम्मान, निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति चरखी दादरी से, किस्सा कोताह कृति सम्मान ग्वालियर से, लेखन के लिए नारी शक्ति सम्मान डायमंड वेल्फेयर सोसायटी भठिंडा से, सुषमा स्वराज स्मृति पुरस्कार जैमिनी अकादमी से एवं अन्य इसी प्रकार के कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।