About the Book:
‘हमारी मंज़िल’ यह कहानी दो अजनबी वैधित और सावरी की है। अपने जीवन में, दोनों दुःखभरी स्थिति का सामना करते हैं। दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं और अपना दुःख एक दूसरे से बाँटते हैं। ज़िन्दगी से रूठी हुई सावरी के जीवन में, वैधित उम्मीद की किरन बनकर आता है। और ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है यह बात उसे बताना चाहता है और उसे खुश रखने की कोशिश करता रहता है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए वैधित सावरी की मदद करता है। काफ़ी बातें सावरी उससे सीखती है। अब इस कहानी में देखना है, कि कैसे इन दोनों की दोस्ती प्यार में बदलती है।
About the Author:
‘साईमाँ ज्ञानेश्वर कुट्टीकर’, एक उन्नीस साल की कॉलेज स्टूडेंट है। वह गोवा से है और पणजी, उनका जन्म-स्थल है। चौदह साल की उम्र से ही उनको लेखन का शौक था। लेखन के साथ-साथ वह शास्त्रीय संगीत और चित्रकला में भी रूचि रखती है। हिंदी विषय से उनको बहुत प्यार है। इसलिए वह हिंदी में लिखना ज्यादा पसंद करती है।