About the Book: 'इल्हाम' 108 ग़ज़लों का साहित्यिक संकलन है। यक़ीनन संवेदनशीलता ज़िन्दगी को कवितामयी बनाती है। मानव-जीवन ख़ुद ही कविताओं का अनमोल ज़ख़ीरा है। माँ सरस्वती की कृपा हो जाए तो एहसासों की बूँदों से भजन,गीत,ग़ज़ल एवं नज़्म अवतरित होते ही हैं, उन्हें लिखा कदापि नहीं जाता!
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