About the Book:
"ममता का रूद्धद्वार" कहानी संकलन पच्चीस सुनहरी सुंदर रचनाओं का समाहार है। उनकी कहानियों में मानवीय जीवनबोध का स्वर बिलकुल साफ़ और सुन्दर है । उन्होने सांप्रदायिक समाज की विभिन्न समस्या को खूबसूरती से अपनी कलम से कुसुमित किया है। अन्तर्निहित आवाज की तरंग को लेखनी से प्रबुद्ध पाठक गण के हृदय को छूने का उन्होंने सफल प्रयास किया है । उनकी हर कहानी हृदयस्पर्शी और अलग अलग रंगो से रंगी हुई है। यह है लेखिका श्रीमती सुनीता कर की अनन्यता।
About the Author:
लेखिका श्रीमती सुनीता कर का जन्म और पालन पोषण ओडिशा में हुआ है।वर्तमान में वो बैंक ऑफ़ इंडिया में एक वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। बैंक की व्यस्तता में भी वो अपनी साहित्य के प्रति रूचि और रचनात्मकता को बनाये रखने में सफल रही हैं। "ममता का रुद्धद्वार" लेखिका का ओडिया भाषा में प्रथम कहानी संकलन है।
उनका द्वितीय कहानी संग्रह " लोनावला ररातिए वर्षा" और उपन्यास " श्रावणी" पाठकों में बहुत लोकप्रिय और प्रशंसनीय सिद्ध हुआ ।