About Book:
'मंथन' एक कहानी संग्रह मात्र नहीं है। यह मानव ह्रदय की सुकोमल अनछुई भावनाओं की हिलोरों का संवेदनात्मक आवेग का प्रतिफल है। इसका किसी भी व्यक्तिगत जीवन से लेशमात्र भी सम्बन्ध नहीं है, अपितु हमारे सामाजिक परिवेश में इर्द-गिर्द बिखरे विभिन्न रिश्तों के ताने-बाने का खट्टा-मीठा एहसास है। यह शब्दों की गरिमा से दिल तक पहुँचने का सुक्ष्म प्रयास है। आकांक्षा है कि इसका रसास्वादन आपके मानस पटल पर अमिट चिह्न छोड़ेगा।
About the Author:
आराधना खरे रसायन शास्त्र की व्याख्याता हैं। विज्ञान की छात्रा होते हुए भी इनका बचपन से ही साहित्य के प्रति रूझान रहा। इन्होंने लगभग चालीस वर्षों तक आकाशवाणी में कहानी, कविता, नाटक का प्रसारण किया। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके लेख व कहानियाँ प्रकाशित हुई हैं।
कहानी संग्रह के रूप में 'मंथन' इनका प्रथम प्रकाशन है, इसके लिए शुभकामनाएँ प्रेषित हैं।