About Book:
यह लघु उपन्यास हर एक उस व्यक्ति से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है, जो सोशल मीडिया से किसी-न-किसी रूप में जुड़े हुए हैं। वर्तमान दौर में प्रत्येक व्यक्ति दो
जिंदगी व्यतीत कर रहा है| पहली 'ऑनलाइन' अर्थात विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिना जाने-पहचाने अनजाने लोगों से घंटों बातचीत करना| दूसरी 'ऑफलाइन' अर्थात जो उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी है| निजी जिंदगी
के 'पोस्ट' फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर डालना और ढेरों
लाइक्स, कमेंट्स का बेसब्री से इंतजार करना| यह इंटरनेट की दुनिया उपन्यास
की मुख्य पात्र 'अमिता' को कभी कड़वे अनुभव देती है और कभी-कभी मीठे
एहसास भी देती है| ऑनलाइन और ऑफलाइन जिंदगी में 'अमिता' एक तारतम्य बैठाने का प्रयास करती है| यह तारतम्य किस तरह 'अमिता' की जिंदगी में हलचल मचा देता है, यह इस लघु उपन्यास को पढ़ने और महसूस करने से ही पता चलेगा|
About the Author:
डॉ. शिखा माहेश्वरी एक दृढ़ निश्चयी एवं मधुर भाषी लेखिका हैं| इनकी जन्म
भूमि सहारनपुर है और कर्मभूमि कल्याण है| ये दो वर्ष बतौर शिक्षिका के पद
पर भी कार्यरत रह चुकी हैं| इनकी एक समीक्षात्मक एवं एक शायरी पुस्तक
भी प्रकाशित हो चुकी हैं| ये अनेकों पुस्तकों की फ्रीलांसिंग भी कर चुकी हैं तथा गत चार वर्षों में अनेकों लेख प्रकाशित हो चुके हैं| अपनी बात को बेबाकी से
लेखों में लिखने का कौशल लेखिका के पास अद्भुत है|