About Book:
प्रेम क्या है ? समझाना बहुत ही मुश्किल है ; लेकिन अगर आप उस एहसास को जी रहे हैं तो समझना शायद आसान होता है। कहते हैं कि प्रेमी, पागल और कवि एक से ही होते हैं ; जो अपनी बनायी दुनिया में जीते हैं, दुनियावी कायदे-कानूनों से परे।
ऐसी ही ख़ूबसूरत दुनिया की सैर पर चलते हैं ; प्रेम गली की सैर पर। ऐसी गली जो बड़ी ही टेढ़ी-मेढ़ी है ; लेकिन लगती भली और अपनी सी। इस गली के वाशिंदों की प्रेम कहानियाँ अनोखी भी हैं ; अजीब भी हैं ; प्यारी भी हैं ; दुखद भी हैं ; सुखद भी हैं। कुल मिलाकर ज़िन्दगी के सभी रंगों से सरोबार है।
मैंने जो भी देखा, महसूस किया उसे अपनी लेखनी के माध्यम से आप लोगों तक पहुँचाने की छोटी सी कोशिश है ; यह मेरी पहली पुस्तक। उम्मीद है ; इस हसीं गली की सैर शायद आपको भी किसी पुरानी यादों की गली में ले जाए।
About the Author:
प्रियंका गुप्ता साहा एक इंजीनियर है, जो फ़िलहाल भारतीय सिविल सेवा में है। इन्हें शुरू से ही लिखने- पढ़ने का शौक रहा है। यह युगला मणि के नाम से कहानियाँ और कविताएँ विभिन्न ब्लॉगिंग वेबसाइट लिखती रही हैं। लॉक डाउन के दौरान इन्हें अपनी कहानियों का संग्रह प्रकाशित करने का विचार आया और उस समय का सदुपयोग करते हुए इन्होने कुछ कहानियाँ लिखी। बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रियंका नुक्कड़ नाटक भी करती रही हैं। म्यूजिक और कुकिंग का भी इन्हें शौक है। प्रियंका एक पत्नी, माँ, बहिन, बहू, बेटी, बॉस आदि सभी भूमिकाएँ बख़ूबी निभाते हुए अपने अंदर की लेखिका को भी जीवित रखे हुए है।