'रवि से चाँद तक'
कितना ही अजीबोगरीब नाम हो सकता है ना किसी किताब का। वैसे भी अगर कोई आपसे पूछे की आपको कितना वक़्त लगेगा रवि से चाँद तक पहुंचने में ? शायद आपके पास जवाब ना हो, पर मेरे पास है। पूरे 5475 दिन लगेंगे। और इससे पहले की आप इन्हें सालों में बदलने की ज़हमत उठाएं, मैं बता दूं की पूरे 15 साल बनते हैं। जी हाँ, मुझे रवि से चाँद होते होते 15 साल लग गए। इस बीच ज़िन्दगी से क्या क्या सीखा, सब इसमें लिखा हुआ है।
ये वो चुनिंदा ख़्याल हैं, जो आप तक पहुंचे है, विभिन्न माध्यमों द्वारा, या फिर अभी तक कहीं कैद थे, किन्ही पन्नों के बीच। अजीब नाम होना वैसे भी अच्छा है, याद रहेगा। और उम्मीद करता हूँ कि इसमें लिखे ख़्याल भी।
अगर कोई कविता या ख़्याल आपसे संपर्क साध पाए तो मुझे ज़रूर इतलाह कर दीजियेगा।
स्नेह और प्रणाम सहित
रवि, चाँद और हम बाकी सभी