About Book:
यह पुस्तक कविताओं और शेरोशयारी का ऐसा संकलन है जिसमें आप नवरस की अनुभूति करेंगें। प्रेम रस, करुणा रस, विभत्स्य रस, हास्य रस, वीर रस, भय व शांति रस आदि के द्वारा प्रकृति, प्रेमभाव, सामाजिक कुरीतियों एवं विषमताओं के विषय में लेखिका ने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। आशा है कि इन्हें पढ़कर सभी जन एक कनेक्ट महसूस करेंगें और साथ ही उनके हृदय के तार भी झनझना उठेंगे। विषय चाहे प्राकृतिक संतुलन का हो या कौओं के सौंदर्य का, शराब का या प्रेम में डूबे हृदय का, दिल में किसी की चाहत का या लम्बे इंतज़ार का, हर एक कविता में लेखिका ने अपने विचारों को ऐसे पिरोया है जैसे हरएक कविता को उन्होंने स्वयं जिया हो। यही बात, इस पुस्तक को इतना ख़ास बना देती है।
About the Author:
हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर की रहने वालीं डॉ ऋतु चौहान, शिक्षा जगत की एक जानी मानी हस्ती हैं। विवाह पश्चात वह सन २००३ से बैंगलोर में रहती हैं। लिखने का शौक उन्हें बचपन से ही था। पढ़ाई में अव्वल और खेल कूद में भी बहुत रूचि रखतीं थीं। उन्होंने पर्यावरण विज्ञान में डॉक्टरेट हासिल किया है। फ़िलहाल वह एक उच्च विद्यालय की प्राद्यापिका के रूप में कार्यरत हैं और साथ ही कई पर्यावरण एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हैं। यह पुस्तक उनकी प्रथम रचना है।