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  • ISBN13:978-9390267439
  • ISBN10:9390267439
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:Dr. Anu Somayajula
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Highlights

  • ISBN13:978-9390267439
  • ISBN10:9390267439
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:Dr. Anu Somayajula
  • Binding:Paperback
  • Pages:124
  • SUPC: SDL661351908

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
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Marketer's Name & Address
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Description

"About Book:
अनादिकाल से मनुष्य अपने मनोभावों को प्रकट करने के लिए किसी न किसी माध्यम का सहारा लेता रहा है; फ़िर चाहे वह शिल्प हो, चित्र हो या साहित्य। कविता साहित्य की वह विधा है जिस में कोई कृति छंदबद्ध कर प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तुत संग्रह की कविताएं गेय नहीं हैं, प्रायः मुक्त छंद में लिखी गई हैं। इस पर भी हर रचना में एक लयबद्धता है। वस्तुत: कोई भी कृति नितांत निरर्थक नहीं होती। रचना की सार्थकता तब ही मानी जाती है जब वाचक तक उस रचना का मूल भाव शब्द जाल से परे संप्रेषित हो। प्रस्तुत संग्रह की रचनाएं इस दायित्व का निर्वाह कर पाई हैं या नहीं यह निर्धारित करने का अधिकार केवल आपका है।

About the Author:
जन्म २१ नवंबर १९५०, गुजरात के बिलिमोरा शहर में हुआ। पिता सरकारी नौकरी में थे इसलिए प्रारंभिक वर्ष यायावरों की तरह शहर दर शहर बदलते बीते।हायस्कूल तक की शिक्षा हिंदी माध्यम से हुई, शायद साहित्य में रुचि पैदा होने का कारण यह भी रहा। सन् १९७२ में नागपुर मेडिकल कॉलेज से स्नातक की उपाधि, तत्पश्चात् मुंबई के टोपीवाला मेडिकल कॉलेज से स्नातकोत्तर पदवी हासिल की। विभिन्न म्युनिसिपल एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न पदों पर कार्य करते सन् २००५ में स्वेच्छा से आवकाश ग्रहण किया। संप्रति मुंबई के एक डायगनॉस्टिक सेंटर में कार्यरत। लिखने की ओर रुझान कॉलेज के दिनों से ही रहा; सत्तर के दशक से अब तक नियमित या अनियमित रूप से कुछ न कुछ लिखा जाता रहा। अब तक का लेखन मूलतः 'स्वांतः सुखाय' ही रहा।"

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