शायरी के इस ग्राम में कुल पाँच बस्तियाँ हैं - वैलेंटाइन, चाय, कोरोना, मिश्रित शायरियाँ तथा मिश्रित लघु कविताएँ। हर बस्ती से प्रेम की नदी बहती है। यहाँ हास्य
के कुछ बाग-बगीचे हैं तो कटाक्ष, व्यंग्य के कुछ खेत-खलिहान भी हैं। बिलकुल आपके आशियाने का फसाना ही लगेगा। सारी पंक्तियाँ आपके दिनचर्या का हिस्सा प्रतीत होंगी। इसको दावा कहें या चुनौती, बस एक बार पढ़ना शुरू तो कीजिए, बीच
में रुक नहीं पाइएगा। कुल मिलाकर 120 शायरियाँ और 35 लघु कविताएँ आपकी खिदमत में हाजिर हैं। आइए, अपनी आँखों से ये शायरीग्राम पावन कर होठों से रसपान ग्रहण कीजिए।