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सूरज प्यासा लौट जाता है (Suraj Pyasa Laut Jata hai)


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  • ISBN13:9789392661990
  • ISBN10:9789392661990
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:डॉ मीरा रामनिवास (Dr. Meera Ramnivas)
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Highlights

  • ISBN13:9789392661990
  • ISBN10:9789392661990
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:डॉ मीरा रामनिवास (Dr. Meera Ramnivas)
  • Binding:Paperback
  • Pages:26
  • SUPC: SDL004590658

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
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Description

About the Book:

किताब में संकलित कविताओं का सूत्र सूरज, चांद, मौसम, बचपन ,मां, समाज, लौकिक और पौराणिक पात्रों से जुड़ा है। सूरज को देख प्रकृति जीवंत हो जाती है। फूल खिलते हैं।पंछी चहकते हैं।मेरी लेखनी को शब्द मिलते हैं। मैं प्रकृति के सौंदर्य को शब्दों में ढालती हूं। पारिजातमेरा दोस्त नीम;पंछियों की दुनियाचांद से

गुफ्तगूझरते पत्तों की वेदनाआदि कविताएं प्रकृति प्रेम की हैं। मां एक प्यारा लफ्ज़ सबके दिल में बसा है। मां की याद में जितना भी लिखो कम है। मां का जीवन तो महाकाव्य है।वो भी एक मां है मां का आंगन, मां के होने से सब संभव था, मां, और ममता जैसी कविताएं लिखी किंतु मां को संपूर्ण कह न सकीं।

बदलते सामाजिक परिवेश ने दिल को छुआ। संवेदना बन कागज़ पर उतरे। राम और हम,आखिर क्यों,

निस्वार्थ प्रेम,सुलह हो गई, प्रकृति भी उदास हुई, गांधीजी यदि लौट आयें, आध्यात्म पर चलना होगा , रोटी जैसी रचनाएं बनी। पौराणिक पात्रों ने मुझे आकर्षित किया। श्री कृष्ण, गांधारी, कथा सोमनाथ की, चांद, सूरज , पारिजात जैसी कविताएं आप पढ़ेंगे।

विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए संग्रह को चार भागों में विभक्त किया है।

नारी विमर्श की कविताएं
प्रकृति से जुड़ी कविताएं
पौराणिक पात्रों से जुड़ी कविताएं
जीवन से जुड़ी कविताएं


आशा है सूरज प्यासा लौट जाता है काव्य संग्रह में छुपे मेरे भाव आप सब तक पहुंच पायेंगे।आप सब की प्रतिक्रिया मेरा मार्ग प्रशस्त करेगी। धन्यवाद।



About the Author:

डॉ मीरा रामनिवास (पूर्व भा.पु.सेवा) का जन्म भरतपुर, राजस्थान में हुआ। राजस्थान विश्वविध्यालय जयपुर से संस्कृत में एम.ए. पीएचडी की डिग्री ली। काव्य,कथा,लेख, संस्मरण,यात्रा वृतांत, बाल काव्य जैसी विधाओं में साहित्य सेवा जारी है। अंकुर,एहसास की धूप,नया सवेरा (काव्य संग्रह);स्मृतियों के दायरे अक्षरा एवं अन्य कहानियां कथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। खाकी मन की संवेदनाएं( गुजरात पुलिस अधिकारियों की रचनाओं का संकलन) का संपादन कार्य किया है हिंदी साहित्य सेवा के लिए सारस्वत सम्मान,प्रशासन साहित्य भारती एवं अंतरराष्ट्रीय हिंदी गौरव सम्मान मिले हैं।

लघुकथाओं के लिए प्रथम, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर काव्य पाठ,हिंदी पत्र पत्रिकाओं में कथा,काव्य प्रकाशन जारी। प्रतिलिपि ,स्टोरी मिरर वेबसाइट पर कथा, काव्य आदि का प्रकाशन जारी है। अंतरराष्ट्रीय महिला क्लब द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सेवा सम्मान द्वारा नवाजा गया है।

पठन-पाठन ,लेखन ,संगीत,बागवानी, ट्रैकिंग, यात्राओं में रुचि रखती हैं।

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