Brand Waali Quality, Bazaar Waali Deal!
Our Blog
Help Center
Sell On Snapdeal
Download App
Cart
Sign In

Sorry! Bhagwan Ne Kaha Tha is sold out.

Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Bhagwan Ne Kaha Tha

This product has been sold out

pay
Rs  210
We will let you know when in stock
notify me

Highlights

  • ISBN13:9789386870513
  • ISBN10:9386870517
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Smt.Suryabala
  • Binding:Hardback
  • Pages:128
  • SUPC: SDL551562984

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity General Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

इसके बाद भगवान् का स्वर उदास हो आया, “मेरे इस मंदिर का सोने का कलश कब से टूटा हुआ है और मुझे अच्छी तरह मालूम है कि चढ़ावा इतना तो आता ही है कि कलश पर सोने का पत्तर चढ़वा दिया जाए। लेकिन पुजारी सब आपस में ही बाँट-बूँटकर खा जाते हैं। प्रबंध न्यासी भी इसमें काफी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। और फिर प्रेस विज्ञप्‍तियों के सहारे सरकार तक अपनी गुहार पहुँचाते हैं कि मंदिर निरंतर घाटे में जा रहा है, अनुदान की राशि बढ़ाई जानी चाहिए।”

यहाँ तक आते-आते भगवान् हताश ध्वनित हुए। अपनी स्थिति पर क्षोभ व्यक्‍त करते हुए बोले, “आप ही सोचिए, कलश का पत्तर उखड़ा होने से मंदिर की और मेरी भी इमेज बिगड़ती है या नहीं? साख भी गिरती ही है। भक्‍तों को क्या दोष दें, सोचेंगे ही कि जब इस मंदिर का भगवान् अपना ही टूटा छत्तर नहीं दुरुस्त करवा पा रहा है तो हमारे उधड़े छप्पर क्या छवाएगा! हमारी बिगड़ी क्या बनाएगा!...क्यों न किसी दूसरे, ज्यादा समर्थ भगवान् के पास चला जाए।”

—इसी पुस्तक से

प्रसिद्ध लेखिका सूर्यबाला के इस विविध विषयी व्यंग्य-संग्रह में जीवन के लगभग हर क्षेत्र की विसंगतियों-विद्रूपताओं पर करारी चोट की गई है। एक ओर जहाँ ये व्यंग्य भरपूर मनोरंजन करते हैं, वहीं दूसरी ओर पाठक को कुछ सोचने-करने पर विवश करते हैं।

About the Author

Suryabala

जन्म : 25 अक्‍तूबर, 1943 को वाराणसी (उ.प्र.) में।

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (रीति साहित्य—काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय)।

कृतित्व : अब तक पाँच उपन्यास, ग्यारह कहानी-संग्रह तथा तीन व्यंग्य-संग्रह प्रकाशित।

टी.वी. धारावाहिकों में ‘पलाश के फूल’, ‘न किन्नी, न’, ‘सौदागर दुआओं के’, ‘एक इंद्रधनुष...’, ‘सबको पता है’, ‘रेस’ तथा ‘निर्वासित’ आदि। अनेक राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठियों में सहभागिता। अनेक कहानियाँ एवं उपन्यास विभिन्न शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित। कोलंबिया विश्‍वविद्यालय (न्यूयॉर्क), वेस्टइंडीज विश्‍वविद्यालय (त्रिनिदाद) तथा नेहरू सेंटर (लंदन) में कहानी एवं व्यंग्य रचनाओं का पाठ।

सम्मान-पुरस्कार : साहित्य में विशिष्‍ट योगदान के लिए अनेक संस्थानों द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत।

प्रसार भारती की इंडियन क्लासिक श्रृंखला (दूरदर्शन) में ‘सजायाफ्ता’ कहानी चयनित एवं वर्ष की सर्वश्रेष्‍ठ फिल्म के रूप में पुरस्कृत।

इ-मेल : suryabala.lal@gmail.com

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Snapdeal does not select, edit, modify, alter, add or supplement the information, description and other specifications provided by the Seller.

Quick links

Ratings & Reviews

  • 4.7/5

    3 Ratings & 1 Review

  • 100%
    Based on 1 Recommendation.
    Would you like to recommend this item? Yes No
  • Have you used this product?

    Review
1-1 of 1 Review
Customer Reviews
Excellent shoes
by KRISHAN on Aug 14, 2017
Verified Buyer

Good quality product

0 People found this review helpful. Was this review helpful?
Rating info is based on overall customer ratings

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers