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  • ISBN13:9788192669038
  • ISBN10:8192669033
  • Publisher:Aatman Innovations Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:Deep Trivedi
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Highlights

  • ISBN13:9788192669038
  • ISBN10:8192669033
  • Publisher:Aatman Innovations Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:Deep Trivedi
  • Binding:Paperback
  • Pages:234
  • SUPC: SDL113370895

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Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Motivational & Inspirational
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

* क्या आप जानते है कि मैं कौन हूँ?
* क्या आपको पता है कि बुद्धि और मैं, हम दोनों अलग हैं?
* क्या आप जानते हैं कि आपका जीवन चौबीसों घंटे-सातों दिन सिर्फ और सिर्फ मेरे ही कारण चल रहा है?
* क्या आपको पता है कि एक बार आपने मुझपर मास्टरी पा ली तो आप किसीके भी दिमाग में क्या और क्यों चल रहा है उसका सटीक पता लगा सकते है? अगर आपको यही पता चल जाए तो फिर क्या आपको और सभी को सुख और सफलता पाने के लिए इतना संघर्ष करना पड़ता? वैसे तो गुजरते वक्त के साथ मनुष्य की इंटेलिजेंस में काफी तरक्की हुई है लेकिन फिर भी जीने के लिए और सफलता पाने के लिए संघर्ष वही की वही है। लेकिन विख्यात लेखक और वक्ता श्री दीप त्रिवेदी जी के अनुसार, जिन्होंने ‘मैं मन हूँ’ नामक किताब लिखी है और जो स्पिरिचुयल साइकोडायनामिक्स के प्रवर्तक है, सुख और सफलता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन वो इसे पाने से चूक जाता है। मन और उसकी सायकोलोजी के बाबत कम ज्ञान उपलब्ध के कारण वो अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठता है जिससे उसके जीवन की डोर रुक जाती है। तो इसका इलाज क्या है? सिर्फ एक; ‘अपने मन को समझें’ ये कहना है श्री दीप त्रिवेदी जी का, जिन्होंने मैं मन हूँ नामक किताब लिखी है।
इस किताब के जरिये श्री दीप त्रिवदी जी मन के सायकोलोजी के रहस्यों को तो उजागर करते ही है लेकिन इसके अलावा वे आपको जीवन के हर पहलू जैसे परिवार, व्यवसाय, कैरियर से संबन्धित प्रश्नों के उत्तर भी देते है और साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में जीने का अंदाज भी बताते है। त्रिवेदी जी का कहना है कि एक बार आपने मन पर मास्टरी पा ली तो फिर आप दूसरों के मनों को भी जान सकेंगे और समझ सकेंगे कि वे वैसा क्यों कर रहे है या उनके ऐसा करने के पीछे का कारण क्या है। ऐसी कला आपको आज की दुनिया में बाकियों से आगे रखेगी क्योंकि यही चीज सफलता पाने में एक मुख्य भूमिका निभाती है। इस किताब को और भी मजेदार बनाने हेतु श्री दीप त्रिवेदी जी ने इसमें 23 छोटी कहानियों के जरिये सायकोलोजी का अद्भुत ज्ञान प्रस्तुत किया है जो हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी। आसान शब्दों में लिखी गई यह किताब इस तरीके से लिखी गई है जिससे इसे पढ़ने वाला व्यक्ति सफलता के मार्ग पर चल पड़ेगा। सुख और सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार है! क्या आप इसे नहीं पाना चाहते? बस तो मुझे यानी अपने मन को समझिए व जीवन बना लीजिए।

यह किताब अंग्रेजी, मराठी और गुजराती में भी उपलब्ध है।

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