About The Book:
“सफ़र का रास्ता कदमों से मापा हमने वक्त गुज़र चला…….. सिर्फ चंद लम्हे ज़हन में पुराने आए” कितनी खूबसूरती से चंद शब्दों ने ज़ाहिर कर दिया कि जिंदगी बीते हुए खुशनुमा पलों का नाम है।
“चलो यूँ ही सही” यह पुस्तक हम सभी की जिंदगी का आईना है इस पुस्तक को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे लेखिका द्वारा जिंदगी के शामियाने पर शब्दों की नकाशी बड़ी ही खूबसूरती से की गई है। कलम का जादू पूरी पुस्तक में इस कदर बिखरा हुआ है कि गहरी से गहरी बात को चंद पंक्तियों ने समेट लिया है।
“ऐ तकदीर यूँ ना फेर नज़रें हमसे काले धागों में सच्चाईयाँ नज़र आने लगी है”
About The Author:
रुचि गुप्ता अग्रवाल जिन्हें हम उनकी कलम रुचि “हर्ष” के नाम से जानते है। रुचि जी का जन्म व परवरिश हरियाणा के 'भिवानी' शहर में हुआ व विवाह गुजरात के सूरत शहर में हुआ। साइंस स्टूडेंट होने के बावजूद भी साहित्य से उनका प्रेम उन्हें उनके बाबा व दादी से मिला। लगभग 13 साल की उम्र में उन्होंने कलम हाथ में पकड़ी थी जो आज किताबों व सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे रूबरू हो रही है। उनकी लेखनी की कारीगरी उनके विशेष काव्यात्मक-किस्सो में भी साफ़-साफ़ झलकती है कि किस खूबसूरती से एक वृत्तांत को वह कविता का रूप दे देती हैं, जिसमें कहानी भी है, कविता भी है व सीखभी होती है। उनका दृष्टिकोण व ज़ाहिर चीज़ से परे देखने की उनकी क्षमता, व शब्दों की खूबसूरती उनकी लेखनी में छलकती है जो स्वत: ही इंसानी मन को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।