पिता के यज्ञ में जाने के लिए जब सती को शिव ने मना किया, तो वह क्रोधित हो उठी। सती के उस रूप देखकर शिव भयभीत को गए और भागे। तब उन्हें दसों दिशाओं में सती के जो दस विग्रह दिखाई दिए, वही दशमहाविद्याएं हैं। प्रस्तुत पुस्तक में दिए गए इन दश महाविद्याओं की साधना-उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके प्रयोग से मारण, उच्चाटन, क्षोभ, मोहन, द्रावण, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण आदि अभीष्ट की भी प्राप्ति होती है।
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