यदि हमें प्राचीन भारत वर्ष को समझना है तो हमें निश्चित रूप से गोदान को पढ़ना चाहिए। कथा नायक होरी जीवन भर मेहनत करता है, नाना प्रकार के कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके। वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है, फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता। यह मात्र होरी की कहानी नहीं, उस काल के अधिकांश भारतीय किसान की आत्मकथा है। होरी की वेदना पाठको के मन में गहरी संवेदना भर देती है।
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