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Godan by Premchand

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  • ISBN13:9789386000675
  • ISBN10:9386000679
  • Publisher:Vayu Education of India
  • Language:Hindi
  • Author:Premchand
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Highlights

  • ISBN13:9789386000675
  • ISBN10:9386000679
  • Publisher:Vayu Education of India
  • Language:Hindi
  • Author:Premchand
  • Binding:Paperback
  • Pages:487
  • SUPC: SDL555028704

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Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Literature & Fiction
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Description

मुंशी प्रेम चंद का जनम बनारस के निकट लेहमी गांव में सन 31 जुलाई 1880 में हुआ था ! उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के अपरांत इक्कीस वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था ! उन्होंने लिखने की शुरुआत उर्दू भाषा से की ! उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का प्रथम संकलन 'सोजे वतन' के नाम से प्रकाशित हुआ ! प्रेमचंद जी ने सन 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की तथा सन 1930 से 'हंस' नामक एक ऎतिहासिक पत्रिका का सम्पादन भी किया ! उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कहानियाँ उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे ! उनकी रचनाओं में उनकी यही विशेषताये विध्समां हैं ! 8 अक्टूबर 1936 में मुंशीप्रेमचंद का बीमारी कारण निधन हो गया \nगोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का उज्जवल प्रकाशस्तंभ है! गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रुप में हम भारत की एक विशेष संस्क्रति को सजीव और आकर पाते हैं, ऐसी संस्क्रति जो अब समाप्त हो रही है या हो जाने को है, फिर भी जिसमे भारत की मिट्टी की सोंधी सुभास भरी है ! प्रेमचंद ने इसे अमर बना दिया है !\n.\n

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