भूटान को रहस्यमय देश माना जाता है। कई सदनों, रहस्यवादियों, विद्वानों और तीर्थयात्रियों ने इसके अनेक दौरे किए हैं। इन सभी लोगों ने भूटान की भूमि और उसके लोगों को अनमोल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में विलक्षण माना है। यहाँ की भूमि एवं यहाँ के निवासी अपनी अमूल्य आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
यहाँ आनेवाले अतिथि और पर्यटकों को आश्चर्य होता है कि यहाँ के जनजीवन में पारंपरिक जीवन-शैली और संस्कृति पूर्णतः विद्यमान है। आज जब पाश्चात्य संस्कृति ने हर देश में घुसपैठ कर ली है, ऐसे में भूटान ने अभी भी अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों तथा परंपराओं को सहेजकर रखा है।
ऊँची पहाडि़यों और ढलानों पर पारंपरिक रूप से बुने वस्त्रों से निर्मित रंग-बिरंगे लहराते झंडे प्राकृतिक सौंदर्य को और भी नैसर्गिक रूप प्रदान करते हैं, वहीं स्थानीय लोगों द्वारा किए जानेवाले मनमोहक लोकनृत्य इस देश को विश्वपटल पर एक विलक्षण देश के रूप में स्थापित करते हैं।
भूटान के इतिहास, भूगोल, शिक्षा, संस्कृति के साथ-साथ भारत-भूटान संबंधों पर जानकारी देनेवाली एक पठनीय पुस्तक।
About the Author
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
कविता, कहानी, उपन्यास, पर्यटन, डायरी, तीर्थाटन, संस्मरण और व्यक्तित्व विकास जैसी विभिन्न विधाओं पर हिंदी साहित्य को पाँच दर्जन से अधिक उत्कृष्ट पुस्तकें देनेवाले डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ लेखन के साथ-साथ पिछले तीन दशक से राजनीति में भी सक्रिय हैं। इसके साथ ही वे गंगा तथा हिमालय के पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार संघर्षरत हैं।
डॉ. निशंक के साहित्य का अनुवाद अंग्रेजी, रूसी, फ्रेंच, क्रिओल, नेपाली, स्पेनिश, जर्मन आदि विदेशी भाषाओं सहित एक दर्जन से अधिक भारतीय भाषाओं में हुआ है। देश के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर शोध कार्य हुए और हो रहे हैं। देश एवं विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में उनका साहित्य पढ़ाया जा रहा है।
उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए देश के चार राष्ट्रपतियों द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मान, उत्कृष्ट साहित्य सृजन, गंगा एवं हिमालय के पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिए विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों में सम्मान। देश के अनेक विश्वविद्यालयों, संस्थाओं, संगठनों और साहित्यिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मान एवं पुरस्कार।
संप्रति : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में हरिद्वार से लोकसभा सांसद तथा लोकसभा की सरकारी आश्वासन संबंधी समिति के सभापति।