कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर प्राप्त का अर्थ है—अचल धन-संपत्ति और ऐश्वर्य का स्वामी होना। धन से मात्र सांसारिक सुख के साधन ही नहीं जुटाए जाते, बल्कि धर्म का आचरण भी होता है। धनहीनता सबसे बड़ी विपत्ति है। कुबेर और लक्ष्मी का कृपापात्र कैसे बना जाए, इसके लिए शास्त्रों ने कई उपाय सुझाए हैं। उन्हीं की जानकारी प्रस्तुत पुस्तक में दी गईं हैं।
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