मंसूर अली खान पटौदी की बेटी होना कैसा लगता है?
या शर्मिला टैगोर जैसी मशहूर माँ की बेटी होना कैसा लगता है?
या जब लोग सैफ अली खान की बहन के तौर पर जानते हैं?
या फिर करीना कपूर की ननद होना कैसा लगता है?
और उन सबके बीच मैं खुद को कहाँ पाती हूँ?
अभिनेत्री सोहा अली खान की यह पहली पुस्तक वास्तव में उन निजी लेखों का एक बेहतरीन संग्रह है, जिनमें वह अपनी खिल्ली उड़ाने के मजाकिया अंदाज में बताती हैं कि किस प्रकार वह देश के सबसे विख्यात परिवारों में से एक में जनमी-बढ़ीं।
लेखिका के पारिवारिक चित्रों के खजाने से पहली बार अनदेखी तसवीरों के साथ प्रकाशित यह किताब हमें उनके जीवन के दिल को छू लेनेवाले पलों से होकर ले जाती है, जिनमें आधुनिक युग की राजकुमारी से बल्लिओल कॉलेज के दिनों की उनकी जिंदगी और फिर सोशल मीडिया की संस्कृति वाले समय में एक हस्ती बनने तक की कहानी है, जिन्हें उन जगहों पर प्यार मिला जहाँ उम्मीद नहीं थी, और यह सबकुछ ताजगी भर देनेवाली बेबाकी और चुटीले अंदाज में बताया गया है।
एक शाही परिवार में जन्म लेने के बाद भी कैसे आप लोगों की संवेदना को कोई महसूस कर सकता है, यह इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको जानना आसान होगा।
About the Author
सोहा अली खान एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं, जिन्होंने ‘रंग दे बसंती’, ‘तुम मिले’, ‘खोया-खोया चाँद’ तथा ‘साहब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’ जैसी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने बल्लिओल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से आधुनिक इतिहास की पढ़ाई की और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ऐंड पॉलिटिकल साइंस से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में परा-स्नातक डिग्री हासिल की। वह प्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और पटौदी के नवाब प्रसिद्ध क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी की सबसे छोटी पुत्री हैं। उनके पिता और दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी, दोनों भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। उनके बड़े भाई सैफ अली खान हैं। सोहा का विवाह अभिनेता कुणाल खेमू से हुआ है।