प्रस्तुत कृति ‘मृदुला बिहारी की लोकप्रिय कहानियाँ’ लेखिका के चार दशकों में फैली कथा-यात्रा है।
जीवन की सारी जटिलताओं एवं दबावों का अनुभव कराती ये रचनाएँ जीवन की निरंतर साथी हैं। ये अपने देश एवं काल की सारी मान्यताओं, अवधारणाओं तथा आस्थाओं को लेकर लिखी गई हैं। इनमें करुणा, कोमलता और सौहार्द के स्वर मुखरित हुए हैं। साथ ही ये सामयिक चेतना को भी वाणी देती हैं। ये कहानियाँ हृदय की अनुभूतियों का प्रतिफल हैं, इसलिए इनका प्रतिपादन सीधे और सरल ढंग से हुआ है।
इन सभी कथाओं में एक आत्मीयता का भाव है और यही आत्मीयता लेखिका का शिल्प है। यह शिल्प उनके निज का है, किसी मतवाद का नहीं। ये रचनाएँ अपना ही वायुमंडल लेकर चलती हैं तथा अपनी ही बिंदु से शासित होती हैं।
लेखिका ने अपनी रोचक भाषा एवं शैली से अपनी कहानियों को आदि से अंत तक पठनीय बना दिया है। ये कहानियाँ केवल आनंद ही नहीं देतीं, वरन् पाठक के जीवन-चेतना और जीवन-बोध को जाग्रत् भी करती हैं।
About the Author
1 फरवरी, 1949 को जनमी मृदुला बिहारी की शिक्षा राँची, भागलपुर एवं पटना में हुई। कथा, उपन्यास व नाटकों की 15 चर्चित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये नारी मन के आंतरिक मन को छूने और पकड़ने की विशेष क्षमता रखती हैं। इनकी रचनाएँ जिंदगी की निरंतर साथी हैं।
रंगमंच, रेडियो, एन.एफ.डी.सी. तथा दूरदर्शन के लिए लगभग 50 नाटक, टेलीफिल्म एवं फीचर फिल्म लिखीं। इनके द्वारा लिखा टी.वी. धारावाहिक ‘भोर’ को सन् 2002 में अखिल भारतीय दूरदर्शन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ धारावाहिक के रूप में सम्मानित किया गया। राजस्थान का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘मीरा पुरस्कार’, झारखंड का ‘राधाकृष्ण पुरस्कार’, बिहार का ‘नई धारा रचना सम्मान’ के साथ अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से अलंकृत।
इनकी अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, तेलुगु, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। सन् 2010 में इन्होंने चीन में आयोजित ‘बीजिंग इंटरनेशनल बुक फेयर’ में साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की ओर से भारत का प्रतिनिधित्व किया।
इन दिनों इनका समय भारत और अमेरिका के बीच गुजरता है।
संपर्क : 204, स्टर्लिंग, बी-5 बी, पृथ्वीराज रोड, सी-स्कीम, जयपुर-302001 (राज.)।
दूरभाष : 0141-2371147, 9414858930
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