Brand Waali Quality, Bazaar Waali Deal!
Impact@Snapdeal
Help Center
Sell On Snapdeal
Download App
Cart
Sign In
Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Mridula Behari Ki Lokpriya Kahaniyan


MRP  
Rs. 350
  (Inclusive of all taxes)
Rs. 269 23% OFF
(2) Offers | Applicable on cart
Get 10% instant Discount Using BOB Credit Cards
Apply for a Snapdeal BOB Credit Card & get 5% Unlimited Cashback T&C
Delivery
check

Generally delivered in 6 - 10 days

  • ISBN13:9789353223601
  • ISBN10:9353223601
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Mridula Behari
  • View all item details
7 Days Replacement
This product can be replaced within 7 days after delivery Know More

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789353223601
  • ISBN10:9353223601
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Mridula Behari
  • Binding:Hardback
  • Pages:184
  • SUPC: SDL049336074

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity General Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

प्रस्तुत कृति ‘मृदुला बिहारी की लोकप्रिय कहानियाँ’ लेखिका के चार दशकों में फैली कथा-यात्रा है।

जीवन की सारी जटिलताओं एवं दबावों का अनुभव कराती ये रचनाएँ जीवन की निरंतर साथी हैं। ये अपने देश एवं काल की सारी मान्यताओं, अवधारणाओं तथा आस्थाओं को लेकर लिखी गई हैं। इनमें करुणा, कोमलता और सौहार्द के स्वर मुखरित हुए हैं। साथ ही ये सामयिक चेतना को भी वाणी देती हैं। ये कहानियाँ हृदय की अनुभूतियों का प्रतिफल हैं, इसलिए इनका प्रतिपादन सीधे और सरल ढंग से हुआ है।

इन सभी कथाओं में एक आत्मीयता का भाव है और यही आत्मीयता लेखिका का शिल्प है। यह शिल्प उनके निज का है, किसी मतवाद का नहीं। ये रचनाएँ अपना ही वायुमंडल लेकर चलती हैं तथा अपनी ही बिंदु से शासित होती हैं।

लेखिका ने अपनी रोचक भाषा एवं शैली से अपनी कहानियों को आदि से अंत तक पठनीय बना दिया है। ये कहानियाँ केवल आनंद ही नहीं देतीं, वरन् पाठक के जीवन-चेतना और जीवन-बोध को जाग्रत् भी करती हैं।

About the Author

1 फरवरी, 1949 को जनमी मृदुला बिहारी की शिक्षा राँची, भागलपुर एवं पटना में हुई। कथा, उपन्यास व नाटकों की 15 चर्चित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये नारी मन के आंतरिक मन को छूने और पकड़ने की विशेष क्षमता रखती हैं। इनकी रचनाएँ जिंदगी की निरंतर साथी हैं।

रंगमंच, रेडियो, एन.एफ.डी.सी. तथा दूरदर्शन के लिए लगभग 50 नाटक, टेलीफिल्म एवं फीचर फिल्म लिखीं। इनके द्वारा लिखा टी.वी. धारावाहिक ‘भोर’ को सन् 2002 में अखिल भारतीय दूरदर्शन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ धारावाहिक के रूप में सम्मानित किया गया। राजस्थान का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘मीरा पुरस्कार’, झारखंड का ‘राधाकृष्ण पुरस्कार’, बिहार का ‘नई धारा रचना सम्मान’ के साथ अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से अलंकृत।

इनकी अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, तेलुगु, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। सन् 2010 में इन्होंने चीन में आयोजित ‘बीजिंग इंटरनेशनल बुक फेयर’ में साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की ओर से भारत का प्रतिनिधित्व किया।

इन दिनों इनका समय भारत और अमेरिका के बीच गुजरता है।

संपर्क : 204, स्टर्लिंग, बी-5 बी, पृथ्वीराज रोड, सी-स्कीम, जयपुर-302001 (राज.)।

दूरभाष : 0141-2371147, 9414858930

इ-मेल : mbehari@yahoo.com

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers
Mridula Behari Ki Lokpriya Kahaniyan

Mridula Behari Ki Lokpriya Kahaniyan

Rs. 269

Rs. 350
Buy now