Brand Waali Quality, Bazaar Waali Deal!
Impact@Snapdeal
Help Center
Sell On Snapdeal
Download App
Cart
Sign In

Sorry! Nirmala by Premchand is sold out.

Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Nirmala by Premchand

This product has been sold out

pay
Rs  94
We will let you know when in stock
notify me

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789386000699
  • ISBN10:9386000695
  • Publisher:Vayu Education of India
  • Language:Hindi
  • Author:Premchand
  • Binding:Paperback
  • Pages:184
  • SUPC: SDL550195050

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Literature & Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

मुंशी प्रेम चंद का जनम बनारस के निकट लेहमी गांव में सन 31 जुलाई 1880 में हुआ था ! उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के अपरांत इक्कीस वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था ! उन्होंने लिखने की शुरुआत उर्दू भाषा से की ! उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का प्रथम संकलन 'सोजे वतन' के नाम से प्रकाशित हुआ ! प्रेमचंद जी ने सन 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की तथा सन 1930 से 'हंस' नामक एक ऎतिहासिक पत्रिका का सम्पादन भी किया ! उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कहानियाँ उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे ! उनकी रचनाओं में उनकी यही विशेषताये विध्समां हैं ! 8 अक्टूबर 1936 में मुंशीप्रेमचंद का बीमारी कारण निधन हो गया ! \nइस उपन्यास की कथा का केंद्र और मुख्या पात्र 'निर्मला' नाम की 15 वर्षीय सुन्दर और सुशील लड़की है ! निर्मला का विवाह एक उच्च आयु के व्यक्ति से कर दिया जाता है ! जिसके पूर्व पत्नी से तीन बेटे हैं ! निर्मला का चरित्र निर्मल है, परन्तु फिर भी समाज में उसे अनादर एवं अवहेलना का शिकार होना पड़ता है !\n

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers