पर्सनैलिटी का निर्माण शरीर और आत्मा के सम्मिलन से होता है। गुण-दोष सभी में होते हैं, ऐसा प्रकृति का नियम है। लेकिन जो अपने गुणों को विकसित करता है और दोषों का दमन कर उन्हें विचारों द्वारा नष्ट कर देता है, वह सभी अर्थों में सच्चे व्यक्तित्व का मालिक बन पाता है। प्रस्तुत पुस्तक में व्यक्तित्व के सकारात्मक पक्ष को सजाने, संवारने और निखारने के प्रैक्टिकल गुर दिए गए हैं जिसे अपनाकर आप भी अपने पर्सनैलिटी को निखार सकते हैं।
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