Brand Waali Quality, Bazaar Waali Deal!
Our Blog
Help Center
Sell On Snapdeal
Download App
Cart
Sign In
Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Ratan Tata - Ek Prakash Stambh

(5.0) 1 Rating Have a question?

MRP  
Rs. 399
  (Inclusive of all taxes)
Rs. 163 59% OFF
(2) Offers | Applicable on cart
Get 10% instant Discount Using BOB Credit Cards
Apply for a Snapdeal BOB Credit Card & get 5% Unlimited Cashback T&C
Pack
Pack of 1
Delivery
check

Generally delivered in 5 - 9 days

  • ISBN13:978-9355430540
  • ISBN10:935543054X
  • Publisher:Manjul Publishing House
  • Language:Hindi
  • Author:Shantanu Naidu
  • View all item details
7 Days Replacement
This product can be replaced within 7 days after delivery Know More

Featured

Highlights

  • ISBN13:978-9355430540
  • ISBN10:935543054X
  • Publisher:Manjul Publishing House
  • Language:Hindi
  • Author:Shantanu Naidu
  • Binding:Paperback
  • Pages:232
  • Edition:2024
  • BIS/ISI License number:NA
  • BIS/ISI required:NA
  • SUPC: SDL420688368

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Biographies & Autobiographies
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

भारतीय उद्योग के महानायक के मानवीय पहलुओं का कथाचित्र मैंने उनसे कहा कि जब मैं किताब लिखूंगा तो वह केवल ऐतिहासिक घटनाओं या कारोबार के महत्त्वपूर्ण आयाम के संबंध में नहीं होगी। मैं आपके दूसरे पहलू को सामने लाना चाहूंगा। यह हम दोनों के और उस रोमांचक समय के बारे में होगी जो हम दोनों ने साथ में जिया है - जैसा मैंने उनको देखा, उनके जीवन के अलग-अलग रंग जिनसे दुनिया अपरिचित है। भारत के महान वज्र पुरुष का परदे के पीछे का जीवन। वह तैयार हो गए। ‘ऐसी कोई एक किताब नहीं हो सकती जिसमें सभी कुछ समा सके... तो आप अपना द़ृष्टिकोण इसमें रखें।’ दोनों के दिल में गली-सड़कों के बेसहारा कुत्तों को लेकर गहरी संवेदना थी जिसने बेमेल-सी दिखाई देने वाली दोस्ती को जन्म दिया। 2014 में बीस वर्ष से थो़डी ही बड़ी उम्र के ऑटोमोबाइल ड़िजाइन इंजीनियर शांतनु नायडू ने सड़कों पर रहने वाले बेसहारा कुत्तों को गाड़ियों द्वारा कुचले जाने से बचाने के लिए अनोखी पहल की। रतन टाटा ख़ुद भी इन बेसहारा कुत्तों के प्रति गहरी हमदर्दी के लिए जाने जाते हैं। शांतनु की अनोखी पहल से प्रभावित होकर उन्होंने न केवल इस परियोजना में निवेश किया बल्कि आगे चलकर वे इसके संरक्षक व प्रमुख बनने के साथ ही अप्रत्याशित रूप से शांतनु के प्रिय दोस्त भी बन गए। यह पुस्तक एक नौजवान और जीवन के आठ दशक पूरे कर चुके बुज़ुर्ग के बीच अनूठे रिश्ते का ईमानदार, सहज-सरल वृत्तान्त है जो भारतीयों के दिल में बसे महानायक के जीवन की एक झलक दिखाता है।

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers