हमारे जीवन में हम अनेक वैज्ञानिक उत्पादों का उपयोग प्रातःकाल से रात्रि-पर्यंत एवं जीवन-पर्यंत तक करते हैं। इसके अतिरिक्त चाहे मानव शरीर हो, पशु-पक्षियों के व्यवहार एवं विशेषताएँ हों, प्राकृतिक क्रियाएँ हों, समुद्र, अंतरिक्ष, पृथ्वी, रसायन, भौतिकि, नैनो, बायोटेक्नोलॉजी, चिकित्सा विज्ञान के रोचक वैज्ञानिक प्रसंग तथा सामाजिक एवं धार्मिक परंपराएँ भी क्यों न हों, उनके बारे में जानने की जिज्ञासा रहती ही है। प्रायः यह समझा जाता है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होनेवाले अनुसंधान और उनके अनुप्रयोगों को समझना सामान्य जनसाधारण की बुद्धि के परे होता है, परंतु उनके उद्देश्य अंततः मानव की जीवन-शैली में अद्भुत परिवर्तन लाकर उसे प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ाने के ही होते हैं।
आज के प्ररिप्रेक्ष्य में सभी वर्ग के सुधी पाठकों को दैनिक जीवन, प्राकृतिक घटनाओं, अनेक जीवधारियों से संबंधित घटनाओं, सामाजिक एवं वैदिक परंपराओं में निहित विज्ञान के अनेकानेक विषयों पर जानकारी उनकी बोल-चाल की भाषा में होना बहुत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से इस पुस्तक ‘रोचक वैज्ञानिक रहस्य’ का प्रणयन सरल-सुबोध भाषा में यथोचित चित्रों सहित किया है।
विज्ञान में अभिरुचि रखनेवाले तथा सामान्य व्यक्ति के लिए भी समान रूप से पठनीय रोचक-ज्ञानवर्धक पुस्तक।
About Author
डॉ. दुर्गादत्त ओझा, मरुप्रदेश की सूर्यनगरी में जनमे डॉ. ओझा विगत चार दशकों से भी अधिक समय से हिंदी में विज्ञान लोक- प्रियकरण तथा विज्ञान साहित्य सृजन का जनोपयोगी कार्य कर रहे हैं। वैज्ञानिक होेते हुए भी उनकी राजभाषा हिंदी के प्रति निष्ठा के कारण उन्होंने विज्ञान के अनेक विषयों पर साठ से अधिक पुस्तकों का प्रणयन किया है; सैकड़ों जनोपयोगी आलेख, शोधपत्रादि भी हिंदी में प्रकाशित हुए हैं। विज्ञान के कई विषयों पर शोध कार्य कर उनके दर्जनों शोध-पत्र भी देश-विदेश में प्रकाशित हुए हैं। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर अनेक बार तकनीकी वार्त्ताएँ भी दी हैं। उत्कृष्ट लेखन के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किया किया गया है। वे देश-विदेश की कई विज्ञान संस्थाओं के चयनित फेलो, पत्र-पत्रिकाओं के संपादन मंडल के सदस्य भी हैं।
इंजी. अनिल कुमार गुप्ता, आई.आई.टी. कानपुर से एम.टेक. की उपाधि तथा पर्यावरण प्रबंधन में पी.जी. डिप्लोमा प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश जल निगम में मुख्य अभियंता के पद पर आसीन श्री गुप्ता ने विभिन्न जलप्रदाय परियोजनाओं तथा गंगा प्रदूषण नियंत्रण पर भी उत्कृष्ट कार्य किया है। इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स ने उन्हें चार्टर्ड इंजीनियर की उपाधि प्रदान की है। उन्हें कई पुरस्कार तथा सम्मान प्राप्त हुए हैं।