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Sadhu Se Sevak by Manjeet Negi

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Highlights

  • Generic
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Binding:Hardback
  • Age:15+
  • Language:Hindi
  • Author:Manjeet Negi
  • Pages:112
  • ISBN13:9789390315208
  • Edition:2021
  • ISBN10:9789390315208
  • Edition Details:2020-2021
  • SUPC: SDL618597032

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Spiritual Self Help & Meditation
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

साधु से सेवक’ पुस्तक मोदी के युवा अवस्था के उन दो वर्षों की कहानी है, जब युवा नरेंद्र सांसारिक मोहमाया से दूर हिमालय में साधु बनने की खोज में भटक रहा था। कोलकाता में रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ से होते हुए ऋषिकेश के दयानंद आश्रम और फिर बाबा केदार की शरण में जाकर नरेंद्र मोदी की तृष्णा शांत हुई। ऋषिकेश के स्वामी दयानंद गिरि से पी.एम. मोदी का पुराना रिश्ता था। स्वामी दयानंद का मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव है। प्रचारक जीवन में मोदी जब ऋषिकेश आए और 1981 में स्वामी से जुड़ गए, तब से स्वामीजी मार्गदर्शन में सेवा-स्वच्छता को अपने जीवन में आत्मसात् किया।
बाल्यकाल से ही हिमालय के प्रति नरेंद्र मोदी के मन में विशेष आकर्षण था। वह आए दिन साधु-संतों और श्रद्धालुओं से बाबा केदार, बदरीधाम, कैलाश मानसरोवर समेत हिमालयी क्षेत्र के पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण दिशा में आनेवाले सभी पावन धार्मिक तीर्थों के विषय में रुचि लेकर सुनते थे। इन तीर्थों की महिमा और वहाँ के सौंदर्य की चर्चा सुनकर नरेंद्र मन-ही-मन में वहाँ की यात्रा कर लेते थे। यह पुस्तक नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक जीवन से जुड़े अनसुने पहलुओं को उजागर करने का प्रयास है। ‘साधु से सेवक’ पुस्तक युवावस्था में दो वर्षों की उस आध्यात्मिक यात्रा का सार है, जो साधु बनने की खोज में उन्हें यहाँ ले आई थी। यहीं से मिली प्रेरणा ने उनके व्यक्तित्व को हिमालय सा दृढ़ बनाया है।

About Author
मनजीत नेगी देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के मूल निवासी हैं। प्रारंभिक शिक्षा गाँव में हुई। उसके बाद ऋषिकेश में भरत मंदिर इंटर कॉलेज और हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के तहत आनेवाले राजकीय महाविद्यालय से बी.कॉम. की परीक्षा पास की। सन् 2000 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता करने के बाद राजधानी दिल्ली में कॅरियर की शुरुआत। सहारा समय और इंडिया टी.वी. में रक्षा संवाददाता के तौर पर काम किया।
दुनिया के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से लेकर गहरे समंदर में पनडुब्बी के अंदर तक और सरहद के हर मोर्चे पर रिपोर्टिंग की है। 2003 में गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हो या 2010 में लेह में आई भीषण बाढ़, मनजीत नेगी को ‘ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करनेवाला पत्रकार’ कहा जाता है। 2013 में केदारनाथ में विनाशकारी आपदा के बाद वहाँ पहुँचने वाले सबसे पहले टी.वी. पत्रकार थे। केदारनाथ आपदा और उसके बाद केदारधाम के पुनर्निर्माण पर चर्चित पुस्तक ‘केदारनाथ से साक्षात्कार’ लिख चुके हैं।
इस पुस्तक की प्रस्तावना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी और विमोचन भी किया। अब इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण ‘फेस टु फेस विद केदारनाथ’ भी आ चुका है।
उनकी दूसरी पुस्तक ‘हिल-वॉरियर्स’ के नाम से प्रकाशित हुई। इस पुस्तक में मनजीत नेगी ने उत्तराखंड के ऐसे 11 सपूतों की जीवनयात्रा का चित्रण किया है, जिन्होंने अपनी मेहनत, ईमानदारी के दम पर शीर्ष मुकाम हासिल किया। मनजीत नेगी एक अच्छे पर्वतारोही भी हैं। वर्तमान में इंडिया टुडे ग्रुप के आजतक चैनल में संपादक के पद पर काम कर रहे हैं।

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