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Sapiens Manav Jati ka Sankshipt Itihas

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  • ISBN13:9388241177
  • ISBN10:9388241177
  • Publisher:KD Groups
  • Language:Hindi
  • Author:Yuval Noah Harari
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Highlights

  • ISBN13:9388241177
  • ISBN10:9388241177
  • Publisher:KD Groups
  • Language:Hindi
  • Author:Yuval Noah Harari
  • Binding:Paperback
  • Series:Sapiens
  • Pages:460
  • Sub Genre:Novels
  • Edition:1
  • Edition Details:1st
  • BIS/ISI License number:NA
  • BIS/ISI required:NA
  • SUPC: SDL988485668

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Comics & Graphic Novels
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

डॉ. युवाल नोआ हरारी द्वारा लिखित किताब 'सेपियन्स' में मानव जाति के संपूर्ण इतिहास को अनूठे परिप्रेक्ष्य में अत्यंत सजीव ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह प्रस्तुतिकरण अपने आप में अद्वितीय है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग तक मानव जाति के विकास की यात्रा के रोचक तथ्यों को लेखक ने शोध पर आधारित आँकडों के साथ इस तरह शब्दों में पिरोया है कि यह किताब निश्चित रूप से मॉर्डन क्लासिक किताबों की श्रेणी में शुमार होगी। करीब 100,000 साल पहले धरती पर मानव की कम से कम छह प्रजातियाँ बसती थीं, लेकिन आज स़िर्फ हम (होमो सेपियन्स) हैं। प्रभुत्व की इस जंग में आख़िर हमारी प्रजाति ने कैसे जीत हासिल की? हमारे भोजन खोजी पूर्वज शहरों और साम्राज्यों की स्थापना के लिए क्यों एकजुट हुए? कैसे हम ईश्वर, राष्ट्रों और मानवाधिकारों में विश्वास करने लगे? कैसे हम दौलत, किताबों और कानून में भरोसा करने लगे? और कैसे हम नौकरशाही, समय-सारणी और उपभोक्तावाद के गुलाम बन गए? आने वाले हज़ार वर्षों में हमारी दुनिया कैसी होगी? इस किताब में इन्हीं रोचक सवालों के जवाब समाहित हैं। 'सेपियन्स' में डॉ. युवाल नोआ हरारी ने मानव जाति के रहस्यों से भरे इतिहास का विस्तार से वर्णन किया है। इसमें धरती पर विचरण करने वाले पहले इंसानों से लेकर संज्ञानात्मक, कृषि और वैज्ञानिक क्रांतियों की प्रारम्भिक खोजों से लेकर विनाशकारी परिणामों तक को शामिल किया गया है। लेखक ने जीव-विज्ञान, मानवशास्त्र, जीवाश्म विज्ञान और अर्थशास्त्र के गहन ज्ञान के आधार पर इस रहस्य का अन्वेषण किया है कि इतिहास के प्रवाह ने आख़िर कैसे हमारे मानव समाजों, हमारे चारों ओर के प्राणियों और पौधों को आकार दिया है। यही नहीं, इसने हमारे व्यक्तित्व को भी कैसे प्रभावित किया है।

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