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Shabda Kuchh Kahe-Ankahe Se… by Shri N.P. Singh


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  • ISBN13:9789353221485
  • ISBN10:935322148X
  • Publisher:Prabhat Publication
  • Language:Hindi
  • Author:Shri N.P. Singh
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Highlights

  • ISBN13:9789353221485
  • ISBN10:935322148X
  • Publisher:Prabhat Publication
  • Language:Hindi
  • Author:Shri N.P. Singh
  • Binding:Hardback
  • Pages:144
  • Edition:2019
  • SUPC: SDL159332356

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Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
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Description

कविता किसी कवि या रचनाकार को केंद्र में रखकर नहीं लिखी गई होती, वह अपने समय और साहित्य दोनों की कथावस्तु को अपने में समाहित करते हुए प्रतिरोध की संस्कृति को नया आयाम प्रदान करती है। 21वीं सदी में कविता का वह दौर, जहाँ यथार्थ के धरातल से एक कविता उठती है, जिसे घेरते हुए सारे तथ्य, विषय, प्रसंग, दृश्य, छवियाँ, शोरगुल, अर्थपूर्ण और अर्थहीन, सत्य और अर्ध-सत्य, झूठी नंगी सच्चाइयाँ और उनसे ज्यादा नंगे उनके टिप्पणीकार, समाजवाद बनाम फासिज्म, सवर्ण बनाम दलित, मरी हुई आत्माएँ भटकती-फिरती इतिहास के पन्नों में अपने आपको सँजोती हैं। इस संग्रह की कविताएँ एक विडंबना और विस्मय की कविताएँ हैं, ये एक घिरी हुई असुरक्षित जमीन के बारे में कुछ कहना चाहती हैं।
कवि नागेंद्र प्रसाद सिंह (आई.ए. एस.) ने हिंदी कविता के वर्तमान परिदृश्य को उकेरते हुए आम जनमानस के प्रतिरूप को अपने काव्यानुभवों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। दरअसल ऐसी कोई कविता हमारे उस संकट के मूल में जाती है, जब इस कदर अमानवीय स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, जहाँ मानवता शांत, व्यवस्थित और द्वंद्वरहित हो जाती है और यहीं पर यह काव्य-संग्रह उसके अर्थ को दुबारा प्रस्तुत करता है।

About the Author:

एन.पी. सिंह
जन्म : 23 जनवरी, 1961 उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के बरजी गाँव में।
शिक्षा : भौतिकी (स्नातकोत्तर) इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
कार्य : वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों (मुख्यतः नक्सल प्रभावित क्षेत्र) के नवयुवकों को शिक्षा एवं रोजगार से जोड़कर उन्हें राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने का प्रयास कई वर्षों से कर रहे हैं। विमुक्त जातियों, जैसे बावरिया आदि के कवियों को प्रोत्साहित करने एवं युवा पीढ़ी को अपराध की ओर उन्मुख न होने देने के लिए अनेक प्रयास कर रहे हैं। पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में भी निरंतर उद्यमशील रहते हैं।

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